८,४,२०१५
विलोम शब्द -गऋहण x त्याग
परयावाची- मोक्ष-निरवाण, कैवल्य, मुक्त
अंधविश्वास- सोचे बिना विश्वास करना
अब पछताए होत क्या जब चिङिया चुग गई खेत- समय निकल जाने पर पश्चाताप करने से कोई फायदा नही।
१२,४,१५
विलोम शब्द -ककरश x मृदु
पर्यायवाची शब्द अवधि- समय, काल, मियाद
पर्यायवाची शब्द -अतिशयोक्ति- कोई भी बात बढाचढाकर कहना
खाने के दाँत और दिखाने के और- बाहर भीतर में फरक होना।
१४,४,२०१५
चिरंतन x नश्वर
अहंकार - दर्प, गर्वx
निर्निमेष - बिना पलक झपकाए देखना
खग ही जाने खग की भाषा - समान स्वभाव वाले ही एक दूसरा की बात समझ सकते है ।
१५,४,१५
गराहाय x त्याज्य
अतिथि - मेहमान, पाहुना, आंगतुक
किंकतर्व्यविमुढ- कुछ भी निर्णय न कर पाने की अवस्था
एक गन्दी मछली सारा तालाब गन्दा कर देती है - एक दुष्ट व्यक्ति सारे वातावरण को दूषित कर देता है
१६,४,२०१५
झोपडी - महल
अनुपम -निरूपम, अनोखा, अपूर्व
गोपनीय - छिपाने योग्य
बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद - मुर्ख व्यक्ति को गुणों की पहचान नहीं होती है
१७,४,२०१५
तरुण x वृद्ध
आश्चर्य -अचरज विस्मय , हैरानी
नवांगतुक- नया आया होआ व्यक्ति
ओखली में सिर देना- जान बूझकर मुसीबत मोल लेना
२०,४,२०१५
दया x निर्दयता
आभूषण- अलंकार, जेवर, गहना
परावलंगी- दूसरो पर आश्रित रहने वाला
कंदे से कन्धा मिलाना- सहयोग करना
२२,४,२०१५
अतिवृष्टि x अनावृष्टि
उपहार - भेट, सौगात, तोहफ
शिरोधार्य- सिर पर धारण करने योग्य
अंधे के हाथ में बटेर लगाना- अयोग्य व्यक्ति को कुछ ऐसा मिल जाना जिसके वह लायक नहीं है।
२३,४,२०१५
अंधकार x प्रकाश
उद्देश्य- ध्येय, लक्ष्य, मकसद
सनातन- यूगो से चला आ रहा
चार चाँद लगाना- प्रतिष्ठा बढ़ाना
२४,४,२०१५
अनुराग x विराग
ऋण - क़र्ज़, उधार, कर्ज़ा, देह
हस्तक्षेप- दूसरो के काम में दखल देना
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाये- अत्यदिक कंजूस होना
२८,४,२०१५
दुर्जन X सज्जन
किरण: - मरिचि, रशिम, कर
अगम्य: - जहा जाया नजा सके।
किस्मत खुलना: - भाग्य चमकना।
२८४,२०१५
धर्म X अधर्म
कोयल : - कोकिला, पिक, श्यामा
अखाद्य: - जो खाना योग्य नही।
काम आना: - शहीद होना।
२९,४,२०१५
धैर्य X अधैर्य
किनारा: - तट, तीर, कगार
अगोचर: - जीसे देखा न जा सके।
अपना उल्लू सीधा करना: - अपना काम निकालना या स्वार्थ सिध्द करना।
४,५,२०१५
आनंद X शोक
क्रदन: - रोना, रुदन, विलाप
अधोयात: - आदि या आरंभ से अंत तक।
खरी खोटी सुनना: - भला बुरा कहना।
५,५,२०१५
आर्द्र X शुष्क
क्षति: - हानि, नुकसान, घाटा
असाध्य: - जिसका उपचार न हो।
खाक छानना: - इधर उधर भटकना।
६,५,२०१५
कपूत X सपूत
गृह: - भवन, घर, निकेतन, नीड़
असंदिग्ध: - जिसमे संदेह न हो।
खाक में मिलना: - नष्ट करना।
७, ५, २०१५
एड़ी X चोटी
गणश: - गजानन, विनायक, लंबोदर, गौरीसुत
अनुपम: - जिसकी उपमा न हो।
खून के घूँट पीना: - क्रोध को भीतर ही भीतर सहना।
८, ५, २०१५
उतार X चढ़ाव
ग्रम: - गाँव, देघात
अन्वेषक: - खोज करने वाला।
खून का प्यासा: - जानी दुश्मन।
११, ५, २०१५
बसंत X पतझड़
देह: - शरीर, काया, तन
अक्षि: - आँख।
आटे दाल का भाव मालूम होना: - कठोर सत्य का आभास